मेरी मकान मालिक की बेटी
हेलो सभी दोस्तों को, मेरा नाम प्रवीन है मेरी उम्र अभी 25 साल की है। ये मै अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हु अगर कोई ग़लती हो तो माफ करना दोस्तो। मैं अपनी कहानी आपको तब की बता रहा हु जब मैं नये शहर जयपुर आया था । मेरा एडमिशन यह कालेज में हो गया था ।
तो चलते हैं आज से 6 साल पहले जब मेरी ये कहानी शुरू होती है।
दोस्तो, सबसे पहले आपको बता दूँ अपने बारे में … मैं नार्मल सा देखता हूँ मेरा रंग रूप सामान्य है. मेरी लम्बाई जरूर असमान्य है. मैं 5 फुट 11 इंच का हूँ । मेरा लण्ड 6 इंच ओर 2.5 इंच मोटा है, ज्यादा मोटा ओर लम्बा नही है ।
अब ज्यादा बात को न भूमा कर बताता हूं उस लड़की के बारे मैं उस का नाम था रिया , जैसा नाम बेसा उस का हाल हर जगह से एक दम बम, संगीता और मेरा एक कनेक्शन ये भी था कि अनजाने मैं ही सही बो मेरी मकानमालिक की बेटी थी । ।
उस का फिगर तो एक एक पार्ट मस्त करने वाला था, उस की बॉल्स तो एक नंबर के थे 32 कि बॉल और 34 कि उस गांड ओर कमर 30 की कुल मिलाकर (32 30 34)चेहरे से लेकर निचये तक कमाल थी।
अब बात सुरु होती है जब हमारे कॉलेज ईयर के फाइनल एक्सेनमेन्ट सममित होने थे, एक दिन बो मेरे रूम पर आ कर कहती है प्रवीन मरे प्रोजेक्ट्स बना दो मेरा कुछ भी नही हुआ है एक्सेनमेन्ट तो बना लिए मैन पर मैने क्या देखता हूं कि ….
बो एक लोवर ओर टीशर्ट मै मेरे रूम के गेट पर है और मैं उस को बहुत गूर के देख रहा हु तो बोली क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हो कभी कुछ देखा नही है क्या ,
मेरी तो हालत खराब हो गई अचानक मेरे मुंह से निकल गया नही देखा तुम दिखा दो।
अब तो मेरी हालत गंभीर हो गए और डर भी लगने लगा पर उस ने खुद ही कह दिया अभी तक किसी ने देखा ही नही तुम कभी भी देख लेना , पता नही क्या हुआ कि …..
मैंने उसके सिर को पकड़ा और अपने नाजुक होंठ उसके होठों पर रख कर उसे किस करने लगा, तो उस का पूरा बदन थरथरा रहा था, फुल एसी में भी उसे पसीना आ रहा था। उसने होश में आते ही मुझे पीछे धकेल दिया और ज़ोर से साँस लेने लगी, मैं उसके साथ गेट के पीछे हो कर सीट पर बैठा दिया।
“ये … क्या … कर रहे … हो तुम?” वह अब भी शॉक में थी।
“ओह … पुअर बेबी … क्या तुम्हें सच में यह नहीं चाहिए.” कहते हुए मैंने अपने हाथों से उस के दोनों स्तनों को हाथों से पकड़ कर उसके मुँह के सामने दबाने लगा।
मेरी हरकत देख कर वह शॉक हो गयी थी, पर अब धीरे धीरे उत्तेजित होने लगी थी। शॉक की वजह से उसका मुँह खुला ही रह गया था और वह बिना पलकें झपकाए अपने स्तनों की ओर देख रही थी ।
“क्या हुआ … कुछ छूना है तुम्हें?” मैं अपने बदन को अजीब ढंग से हिलाकर उसे और उत्तेजित करते हुए बोला
आखिरकार उस का डर थोड़ा कम हुआ और उसने हाँ में सर हिलाया।
“तो छू लो इसे अपने लण्ड को आगे करते हुए बोला” कहकर मैं उस के स्तनों को उसके सामने ले आया .
उसने डरते हुए ही अपने हाथ मेरी पैंट के ऊपर रखने के लिए आगे की साइड किये तो मैने अपने हाथ उस के स्तनों पर रख दिये।
“उफ …” बहुत दिनों बाद किसी ने मेरे लण्ड को छुआ था, उसका हाथ अभी भी थरथरा रहा था।
उस के स्तन बिल्कुल उसके मुँह के सामने थे थोड़ी देर उन्हें मसलने के बाद उसका डर खत्म हो गया और उसने ऊपर मेरी तरफ देखा, उसकी आँखों में भी वासना का नशा चढ़ने लगा था। मैंने नीचे झुकते हुए उसके होठों पर अपने होंठ रख दिये, हम दोनों की आँखें अपने आप बंद हो गयी और हम किस करने लगे।
उसके हाथ अभी भी मेरे लण्ड को मसल रहे थे, मेरे हाथ रिया के बदन को सहलाने लगे। उसके सीने को सहलाने हुए मैं धीरे धीरे नीचे की ओर जाने लगा . जैसे ही मेरा हाथ पेट के नीचे चला गया, मेरा हाथ उसकी पेंटी से टकराया। मैंने उस को उठाया और अंदाजे से आगे बेड पर फेंक दिया. उस की आँखें अभी भी बंद थी और हम दोनों एक दूसरे के होठों को चूसे जा रहे थे।
मैंने धीरे से अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल दिया, उसने भी अपना मुँह खोल कर मेरी जीभ का स्वागत किया। हमारी जीभ एक दूसरे से द्वंद्व खेल रही थी, उसके हाथ मेरे लण्ड को मसलने में व्यस्त थे और मेरा हाथ उसके बूब्स के काफी करीब पहुँच गया था। मैंने अपना हाथ उस की चूत के ऊपर हटा लिया , उस पर लंड से रखा और हल्का सा दबाया, मेरे छूने से उसके बदन में थरथराहट हुई और उसकी जांघें अपने आप खुल गई।
बो मेरी बेल्ट और पैंट खोलने की कोशिश करने लगी, पर उस एक हाथ से यह बहुत मुश्किल था। तभी रिया ने किस तोड़ी और अपने हाथ से मेरी बेल्ट और पैंट खोली। यह करते हुए वह बार बार लड़खड़ा रही थी, शायद उसे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था।
उसने मेरे लंड को लॉली पॉप की तरह डायरेक्ट अपने मुँह मैं लेकर टोपा हल्का चॉकलेटी रंग का है और नींबू की तरह फूला हुआ था। मैंने हाथ से उसको अपने नीचे खींचा. मेरा इशारा समझते हुए उसने अपनी पैंट और अंडरवियर अपने कूल्हों के नीचे से उतारकर घुटनों के नीचे तक ले आया। उसकी पैंट अब मैट पर थी और उसके पैर अभी भी उसके पैंट के अंदर ही थे.
बो बाल रहित लंड को मंत्रमुग्ध होकर देख रही थी।
अब बेड से नीचे उतरी की मैट पर घुटनों के बल बैठ गयी, उस की हाइट कम होने की वजह से बहुत आगे खिसकी हुई थी और मेरे हाथ उस के पीछे बहुत आसानी से चूत के पास की जगह पहुँच रहे थे ।
उस ने लंड के नजदीक जाते हुए अपनी उंगलियाँ उसके बॉल्स से होते हुए उसके टोपे तक घुमाई।
“आह …” मेरे मुँह से एक सिसकारी निकली और आगे क्या होने वाला है इस उत्सुकता से मेरी तरफ देखने लगी
“चलो अब मैं तुम्हारा लेती हूं.” कहकर उसके गर्म लंड को अपनी मुठ में पकड़ा और उसे ऊपर नीचे करने लगी।
” मैंने उस से पूछा … लंड की मोटाई और लंबाई कैसे नापते है?”
“आह … टेप से … ओह …” संगीता ने मुश्किल से बोला।
“गलत जवाब!” मैं उसके बॉल्स को दबाते हुए बोला।”आह … सॉरी …” वह दर्द से चिल्लायी।
मैं नीचे झुकते हुए बोला- पहले लंड की मोटाई नापने के लिए उसके टोपे पर इस तरह जीभ घुमाते हैं.” कहकर मैंने अपने सूखे टोपे पर उस की जीभ को चारों तरफ से घुमाई और उसे पूरा गीला कर दिया- फिर लंड को ऐसे मुँह में लेकर उसकी लंबाई नापते है
कह कर मैं धीरे धीरे अपना लंड उस के मुँह में देकर चूसाने लगा. मैं उस के पूरा लंड मुँह मैं दे कर अंदर देने की कोशिश कर रहा था
जैसे जैसे मेरा लंड उस के मुँह में घुस रहा था वैसे वैसे मेरा मुँह भरने लगा था, लंड अब गले को टकरा रहा था।
इसलिए मैंने उसको चूमना जारी रखा. वो बार-बार मुझे ना करती रही लेकिन उसकी हर ना मुझे हां छुपी हुई दिखाई दे रही थी. मैं उम्र में उससे छोटा जरूर था लेकिन औरतों के बारे में इतना अनुभव तो मुझे भी हो ही चुका था.
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